Friday 6 October 2017

हिंदुस्तान b12 is best vitamin

क्या आपने हाल में विटामिन बी-12 के स्तर की जांच करवायी है? दिल्ली की एक 37 वर्षीय गृहिणी पिछले छह माह से अपने मूड में तेजी से आने वाले उतार-चढ़ाव से परेशान थीं। अंत में वे मनोचिकित्सक के पास गयीं। मनोचिकित्सक ने सबसे पहले हारमोन असंतुलन और पोषण की कमी को जानने के लिए ब्लड टेस्ट करवाने की सलाह दी। विटामिन बी-12 की कमी को छोड़ कर पूरी ब्लड रिपोर्ट सामान्य रही। बी-12 का स्तर 70पीजी/ एमएल पाया गया, जबकि सामान्य स्तर 250 पीजी/ एमएल माना जाता है। मनोचिकित्सक ने उन्हें विटामिन बी-12 के 10 इंजेक्शन और 20 दिन तक नियमित विटामिन बी-12 की टेबलेट लेने को कहा। क्यों जरूरी है विटामिन बी-12 शरीर में विटामिन बी-12 की पर्याप्त मात्रा हमारे तंत्रिका तंत्र और रक्त कणिकाओं को सही तरीके से काम करने में मदद करती है। शरीर में डीएनए स्ट्रेंड्स के निर्माण के लिए भी इस विटामिन की जरूरत होती है। यदि शरीर में विटामिन बी-12 की मात्र का ध्यान न रखा जाए तो इससे तंत्रिका तंत्र को स्थायी नुकसान पहुंच सकता है। प्रसिद्ध मनोचिकित्सक संजय चुघ के अनुसार, ‘भारत में पुरुष व महिला दोनों में सामान्य रूप से विटामिन-12 की कमी देखने को मिलती है। मेरे पास आने वाले मरीजों को सबसे पहले मैं विटामिन बी-12 की जांच कराने की सलाह देता हूं। कई बार विटामिन बी-12 की कमी पाए जाने पर सामान्य बी-12 सप्लीमेंट्स लेने से ही मूड के उतार-चढ़ाव व रोने की समस्या का हल हो जाता है। शरीर में विटामिन बी-12 की काफी कमी होने पर इंजेक्शन लगाए जाते हैं। हमारे यहां विटामिन बी-12 की कमी के मामले अधिक हैं, जिसका कारण बड़ी संख्या में लोगों का शाकाहारी होना है।’ विटामिन बी-12 पानी में घुलनशील है। यह मुख्यत: मीट, मछली, दूध व उसके उत्पादों और वेजिटेरियन फोर्टिफाइड फूड में पाया जाता है। पर शाकाहारी उत्पादों में पाए जाने वाले विटामिन बी-12 की तुलना में गैर शाकाहारी उत्पादों जैसे सालमन और लिवर वसा में यह अधिक होता है। शाकाहारी फोर्टिफाइड चीजें जैसे सोया और ओट्स भारत में कम खाई जाती हैं। यही वजह है कि शाकाहारी लोगों को विटामिन बी-12 से युक्त चीजों को खाने की सलाह दी जाती है। विटामिन बी-12 के लक्षण मुख्यत: त्वचा का पीलापन, सांस लेने में बाधा, नसों में दर्द, कमजोरी, वजन की समस्या, दृष्टिदोष आदि के साथ डिप्रेशन, हिंसक व्यवहार, व्यक्तित्व में बदलाव और हेल्यूसिनेशन जैसी मानसिक समस्याओं के रूप में दिखता है। हाथ और पैर में लगातार सनसनाहट रहती है। चुनौती क्यों? हमारा शरीर पेट में विभिन्न एसिड और एंजाइम की मदद से भोजन में मौजूद विटामिन बी-12 को प्रोटीन से अलग करता है। 50 की उम्र के बाद से शरीर में इन एसिड का उत्पादन घटना शुरू हो जाता है, जिसकी पूर्ति के लिए डॉक्टर सप्लीमेंट्स लेने की सलाह देते हैं।

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