Thursday 28 September 2017

Karnal b12

करनाल के वैज्ञानिकों ने ढूंढा बैक्टीरिया में विटामिन बी-12 Wednesday, June 14, 2017-9:51 AM नई दिल्ली/अंकुर शुक्ला। करनाल के वैज्ञानिकों ने मानव शरीर से प्राप्त नमूनों में से एक ऐसे बैक्टीरिया को ढूंढ़ निकाला है, जो विटामिन बी-12 की कमी को दूर करने में बेहद मददगार साबित हो सकता है। मोदी सरकार की सलाह- अगर स्वस्थ बच्चा चाहिए तो मांस4 और सेक्स से रहें दूर करनाल स्थित राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (एनडीआरआई) के शोधकर्ताओं ने मां के दूध और बच्चे के मल के नमूनों से लैक्टोबैसिलस प्लांटैरम नामक बैक्टीरिया के दो रूपों को अलग किया है, जो महत्वपूर्ण सूक्ष्म पोषक तत्व विटामिन-बी12 की कमी दूर करने में उपयोगी हो सकते हैं। बैक्टीरिया के 59 रूपों का परीक्षण करने के बाद वैज्ञानिकों ने एक नई तकनीक की मदद से बैक्टीरिया के इन दोनों नए रूपों को नमूनों से अलग किया है। 50 प्रतिशत से अधिक आबादी है कमी से पीड़ित देश के विभिन्न आयु वर्ग की 50 प्रतिशत से अधिक आबादी में विटामिन-बी12 की कमी पाई जाती है। विशेषज्ञों की मानें तो यदि पूरक आहार अथवा अन्य खाद्य उत्पादों के रूप में बी12 उपलब्ध हो जाए तो इस स्थिति में तेजी से सुधार हो सकता है। अध्ययनकर्ताओं की टीम में शामिल डॉ. भारतभूषण के मुताबिक ये दोनों फूड ग्रेड बैक्टीरिया हैं, इनका उपयोग भोजन के घटक के रूप में किया जा सकता है। भूलकर भी न खाएं व्हाइट ब्रेड, आपकी सेहत के लिए हैं अनहेल्दी! मां के दूध के नमूने से अलग किए गए बी12 के स्रोत बैक्टीरिया शिशुओं के स्वस्थ पाचन प्रक्रिया के लिए स्तनपान जैसी सकारात्मक भूमिका को दर्शाते हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक भोजन में विटामिन के घटक के तौर पर इन सूक्ष्म बैक्टीरिया का उपयोग करना प्राकृ तिक और आर्थिक लिहाज से एक व्यावहारिक विकल्प बन सकता है। इनकी मदद से खाद्य उत्पादों में विटामिन बी-12 की मात्रा को बढ़ाकर कई खतरनाक बीमारियों से शरीर की रक्षा की जा सकती है। अध्ययनकर्ताओं के दल में डॉ. भारतभूषण के अलावा डॉ. सुधीर कुमार तोमर और डॉ. सुरजीत मंडल भी शामिल थे। लाल रक्त कोशिकाओं के गठन में भूमिका विटामिन-बी 12 मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के सामान्य क्रियाकलाप और लाल रक्त कोशिकाओं के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एंजाइम आधारित प्रतिक्रियाओं में भी एक प्रमुख घटक के तौर पर शामिल रहता है।

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